मेलबर्न (भाषा)। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जान हावर्ड ने आज कहा कि भारत ने हालांकि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं लेकिन कैनबरा से यूरेनियम हासिल करने के लिए उसे इस संधि जैसी ही शर्तों का पालन करना होगा।हावर्ड ने आज एबीसी रेडियो से कहा मैं आपके श्रोताओं को आश्वस्त कर सकता हूं कि समझौते पर एनपीटी जैसे ही सुरक्षा मानकों का पालन होगा। यह भारत को परमाणु हथियारों के विकास में ईंधन के प्रयोग से रोकेगा। भारत एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले चार देशों में से एक है लेकिन इसके बावजूद हावर्ड कल रात अपने भारतीय समकक्ष मनमोहन सिंह के साथ एक सैद्धांतिक समझौते पर पहुंच गए।हावर्ड ने कहा यह एक अलग मामला है और भारत ने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए हैं लेकिन हमारा विश्वास है कि यह व्यवस्था एनपीटी जैसे मानकों वाली ही होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय सुरक्षा मानक समझौते में प्रवेश करेंगे और भारत को ऐसा ही समझौता अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ करना होगा।हावर्ड ने कहा भारत पर ठीक वैसी ही शर्तें लगने जा रही हैं जैसी कि रूस और चीन पर लगी हैं तथा मेरा मानना है कि फ्रांस पर भी और हम फ्रांस को सालों से यूरेनियम बेच रहे हैं। आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा मैंने कल रात भारतीय प्रधानमंत्री से बातचीत की और मैंने उन्हें सभी शर्तों से अवगत कराया। मैं आगामी कुछ दिनों में उन्हें लिखित रूप से यह पुष्टि करने जा रहा हूं कि समझौते के लिए सभी शर्तों का पालन किया जाए।उल्लेखनीय है कि आस्ट्रेलिया यूरेनियम का एक बहुत बड़ा उत्पादक देश है और इसके दक्षिणी क्षेत्र में विश्व के सबसे बड़े माने जाने वाले कुछ भंडारण केंद्र हैं।
Last Updated[ 8/17/2007 11:18:06 AM]
राष्ट्रीय सहारा से साभार
No comments:
Post a Comment